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Showing posts from July, 2020

नाग कितनी लाभदायक है ?

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    नाग कितनी लाभदायक है ? नाग पंचमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग व सर्प पूजा की जाती है और उन्हें दूध से नहलाया जाता है। सभी लोग इस पूजा को इसलिए करते हैं की नाग देवता को पूजने से उनके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।। और उन्हें आर्थिक लाभ भी मिलेगा।। सभी प्रकार के लाभ प्राप्त करने के लिए लोग नाग देवता की पूजा करते हैं।। सत्य भक्ति  लेकिन यह पूजा एक मन माना आचरण है यह किसी वेदों शास्त्रों ग्रंथों गीता आदि में कहीं भी इस पूजा को करने का प्रमाण नहीं है यह एक शास्त्र विरुद्ध पूजा है जो हमारे द्वारा चलाई गई है। और गीता में प्रमाण है कि शास्त्र विरुद्ध भक्ति करने वाले व्यक्ति को ना तो कोई लाभ प्राप्त होता है और ना ही मोक्ष प्राप्त होता है । नाग पूजा करने से हमें कैसे लाभ हो सकता है क्योंकि यह तो शास्त्र विरुद्ध पूजा है। भगवान से पूर्ण लाभ लेने के लिए हमें अपने शास्त्रों के अनुसार पूर्ण भक्ति करनी पड़ेगी इससे हमें जीवन पर्यंत वाले लाभ प्राप्त हो सकते हैं। ...

सही शिक्षा क्या है

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सही शिक्षा क्या है परमात्मा ने हमें पहले समय में शिक्षा इसलिए नहीं दी क्योंकि यह शिक्षा हमारी सबसे बड़ी दुश्मन है यदि हम शिक्षा प्राप्त करके परमात्मा की खोज नहीं करते तो यह शिक्षा व्यर्थ है इस शिक्षा ने हमें अंहकारी बना दिया और मर्यादाहीन बना दिया माया का आधीन बना दिया माया को जोड़ना ही उद्देश्य मान लिया कोई भी बच्चा शिक्षा ग्रहण करने के लिए घर से चलता है तो उसका एक ही उद्देश्य होता है कि बड़ा अफसर बनू बेईमानी रिश्वतखोरी से ज्यादा धन कमाता है और धन कमाने के बाद क्या पता कब मृत्यु हो जाए तो वह धन यही रह जाता है सिर्फ पाप कर्म ही साथ जाते हैं। Lord kabir ji परमात्मा ने हमें शिक्षा इसलिए दी है कि हम सच्चे परमात्मा को पहचान सके इस रोजी-रोटी कमाने के लिए या धन कमाने के लिए शिक्षा की कोई जरूरत नहीं थी शिक्षा से भौतिक सुख कम मिलते हैं और चिंताएं अनेक हो गई इसके दुःख ज्यादा हो गए। बस यह शिक्षा एक ही तरह से अच्छी है क्योंकि हम इससे भगवान को पहचान सके। शिक्षा का मूल उद्देश्य धन कमाना या बड़े बड़े अफसर बनना डॉक्टर इंजीनियर बनना नहीं है। क्योंकि इस 21 ब्रह्मांड में कोई भी सुख नहीं है चा...

सत्य परमात्मा कोन है?

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हमारे सभी धार्मिक ग्रन्थों व शास्त्रो में उस एक प्रभु,मालिक ,रब ,खुदा‌,अल्लाह ,गोड,परमेश्वर की प्रत्यक्ष नाम लिख कर महिमा गाई है कि वह एक मालिक प्रभु कबीर साहेब है जो सतलोक में मानव सदृश स्वरूप में आकार में रहता है। कबीर साहिब जी ही सच्चे परमात्मा है वह पाप के शत्रु  पाप के विनाशक है और पूर्ण मोक्ष दायक परमात्मा है। सच्चे परमात्मा कबीर साहेब जी चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है। जिनका जन्म- मृत्यु कभी नहीं होता वह समरथ व अविनाशी परमात्मा है। Lord Kabir ji जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं। कबीर साहिब जी सच्चे परमात्मा पूर्ण सुखदाई व मोक्षदाई जीवन रक्षक वह सच्चे भगवान है। सभी का मानना है की प्रारब्ध कर्म भोगन...