सत्य परमात्मा कोन है?
हमारे सभी धार्मिक ग्रन्थों व शास्त्रो में उस एक प्रभु,मालिक ,रब ,खुदा,अल्लाह ,गोड,परमेश्वर की प्रत्यक्ष नाम लिख कर महिमा गाई है कि वह एक मालिक प्रभु कबीर साहेब है जो सतलोक में मानव सदृश स्वरूप में आकार में रहता है। कबीर साहिब जी ही सच्चे परमात्मा है वह पाप के शत्रु पाप के विनाशक है और पूर्ण मोक्ष दायक परमात्मा है। सच्चे परमात्मा कबीर साहेब जी चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है। जिनका जन्म- मृत्यु कभी नहीं होता वह समरथ व अविनाशी परमात्मा है।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं। कबीर साहिब जी सच्चे परमात्मा पूर्ण सुखदाई व मोक्षदाई जीवन रक्षक वह सच्चे भगवान है।
सभी का मानना है की प्रारब्ध कर्म भोगना ही पड़ता है। इसके विपरीत वेद में लिखा है की प्रारब्ध कर्म कट भी सकता है। यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में स्पष्ट लिखा है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है।परमात्मा का नाम कबीर साहेब जी है जो पूर्ण परमात्मा है और अपने भक्तों के सभी प्रारंभ के कर्म काटकर उनके सभी दुख को दूर कर देते हैं और किसी की अकाल मृत्यु होती हो तो उसकी आयु बढ़ाकर उसको नया जीवन प्रदान करते हैं।
वेदों ,गीता जी आदि पवित्र सद्ग्रंथों में प्रमाण मिलता है कि जब-जब धर्म की हानि होती है व अधर्म की वृद्धि होती है तथा वर्तमान के नकली संत, महंत व गुरुओं द्वारा भक्ति मार्ग के स्वरूप को बिगाड़ दिया गया होता है। फिर परमेश्वर स्वयं आकर या अपने परमज्ञानी संत को भेज कर सच्चे ज्ञान के द्वारा धर्म की पुनः स्थापना करता है। वह भक्ति मार्ग को शास्त्रों के अनुसार समझाता है। उसकी पहचान होती है कि वर्तमान के धर्म गुरु उसके विरोध में खड़े होकर राजा व प्रजा को गुमराह करके उसके ऊपर अत्याचार करवाते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि पूर्ण परमात्मा कविर अर्थात् कबीर मानव शरीर में गुरु रूप में प्रकट होकर प्रभु प्रेमीयों को तीन नाम का जाप देकर सत्य भक्ति कराता है तथा उस भक्त को पवित्र करके अपने आर्शिवाद से पूर्ण परमात्मा प्राप्ति करके पूर्ण सुख प्राप्त कराता है।
बहुत से महापुरुष सच्चे नामों के बारे में नहीं जानते। वे मनमुखी नाम देते हैं जिससे न सुख होता है और न ही मुक्ति होती है। कोई कहता है तप, हवन, यज्ञ आदि करो व कुछ महापुरुष आंख, कान और मुंह बंद करके अन्दर ध्यान लगाने की बात कहते हैं जो कि यह उनकी मनमुखी साधना का प्रतीक है। जबकि कबीर साहेब, संत गरीबदास जी महाराज, गुरु नानक देव जी आदि परम संतों ने सारी क्रियाओं को मना करके केवल एक नाम जाप करने को ही कहा है। इसलिए पूर्ण परमात्मा में सच्चे भगवान मोक्ष दायक कबीर साहिब ही हैं जिन-जिन पुण्यात्माओं ने परमात्मा को प्राप्त किया उन्होंने बताया कि कुल का मालिक एक है। वह मानव सदृश तेजोमय शरीर युक्त है। जिसके एक रोम कूप का प्रकाश करोड़ सूर्य तथा करोड़ चन्द्रमाओं की रोशनी से भी अधिक है। उसी ने नाना रूप बनाए हैं। परमेश्वर का वास्तविक नाम अपनी-अपनी भाषाओं में कविर्देव , कबीर साहेब जी भिन्न भिन्न नाम है
परम गूढ़ ज्ञान आज तक किसी ऋषि महर्षि धर्मगुरु ने सृष्टि की रचना की सही जानकारी नहीं दी कबीर साहिब जी ने ही सृष्टि की रचना की पूर्ण जानकारी यथार्थ जानकारी दी जिसका भेद वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ने ही बताया है सभी वेदों ग्रंथों पुराणों के आधारित ज्ञान से संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण व सच्चे भगवान सत्य परमात्मा कबीर साहिब जी ही हैं। जिस की भक्ति करने से जन्म मरण के चक्कर से पीछा छूट जाता है। वह सत्य भक्ति आज संत रामपाल जी महाराज दे रहे हैं अपने मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करके नाम दीक्षा प्राप्त करें।
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| Lord Kabir ji |
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं। कबीर साहिब जी सच्चे परमात्मा पूर्ण सुखदाई व मोक्षदाई जीवन रक्षक वह सच्चे भगवान है।
सभी का मानना है की प्रारब्ध कर्म भोगना ही पड़ता है। इसके विपरीत वेद में लिखा है की प्रारब्ध कर्म कट भी सकता है। यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में स्पष्ट लिखा है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है।परमात्मा का नाम कबीर साहेब जी है जो पूर्ण परमात्मा है और अपने भक्तों के सभी प्रारंभ के कर्म काटकर उनके सभी दुख को दूर कर देते हैं और किसी की अकाल मृत्यु होती हो तो उसकी आयु बढ़ाकर उसको नया जीवन प्रदान करते हैं।
वेदों ,गीता जी आदि पवित्र सद्ग्रंथों में प्रमाण मिलता है कि जब-जब धर्म की हानि होती है व अधर्म की वृद्धि होती है तथा वर्तमान के नकली संत, महंत व गुरुओं द्वारा भक्ति मार्ग के स्वरूप को बिगाड़ दिया गया होता है। फिर परमेश्वर स्वयं आकर या अपने परमज्ञानी संत को भेज कर सच्चे ज्ञान के द्वारा धर्म की पुनः स्थापना करता है। वह भक्ति मार्ग को शास्त्रों के अनुसार समझाता है। उसकी पहचान होती है कि वर्तमान के धर्म गुरु उसके विरोध में खड़े होकर राजा व प्रजा को गुमराह करके उसके ऊपर अत्याचार करवाते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि पूर्ण परमात्मा कविर अर्थात् कबीर मानव शरीर में गुरु रूप में प्रकट होकर प्रभु प्रेमीयों को तीन नाम का जाप देकर सत्य भक्ति कराता है तथा उस भक्त को पवित्र करके अपने आर्शिवाद से पूर्ण परमात्मा प्राप्ति करके पूर्ण सुख प्राप्त कराता है।
बहुत से महापुरुष सच्चे नामों के बारे में नहीं जानते। वे मनमुखी नाम देते हैं जिससे न सुख होता है और न ही मुक्ति होती है। कोई कहता है तप, हवन, यज्ञ आदि करो व कुछ महापुरुष आंख, कान और मुंह बंद करके अन्दर ध्यान लगाने की बात कहते हैं जो कि यह उनकी मनमुखी साधना का प्रतीक है। जबकि कबीर साहेब, संत गरीबदास जी महाराज, गुरु नानक देव जी आदि परम संतों ने सारी क्रियाओं को मना करके केवल एक नाम जाप करने को ही कहा है। इसलिए पूर्ण परमात्मा में सच्चे भगवान मोक्ष दायक कबीर साहिब ही हैं जिन-जिन पुण्यात्माओं ने परमात्मा को प्राप्त किया उन्होंने बताया कि कुल का मालिक एक है। वह मानव सदृश तेजोमय शरीर युक्त है। जिसके एक रोम कूप का प्रकाश करोड़ सूर्य तथा करोड़ चन्द्रमाओं की रोशनी से भी अधिक है। उसी ने नाना रूप बनाए हैं। परमेश्वर का वास्तविक नाम अपनी-अपनी भाषाओं में कविर्देव , कबीर साहेब जी भिन्न भिन्न नाम है
परम गूढ़ ज्ञान आज तक किसी ऋषि महर्षि धर्मगुरु ने सृष्टि की रचना की सही जानकारी नहीं दी कबीर साहिब जी ने ही सृष्टि की रचना की पूर्ण जानकारी यथार्थ जानकारी दी जिसका भेद वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ने ही बताया है सभी वेदों ग्रंथों पुराणों के आधारित ज्ञान से संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण व सच्चे भगवान सत्य परमात्मा कबीर साहिब जी ही हैं। जिस की भक्ति करने से जन्म मरण के चक्कर से पीछा छूट जाता है। वह सत्य भक्ति आज संत रामपाल जी महाराज दे रहे हैं अपने मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करके नाम दीक्षा प्राप्त करें।

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