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Showing posts from May, 2020

कबीर साहेब

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कबीर साहिब सब सृष्टि के रचनाकार हैं। कबीर साहेब भी हैं जिन्होंने सभी को उत्पन्न किया और संपूर्ण सृष्टि की रचना की। सभी धर्मों के शास्त्र भी यही बताते हैं कि उस पूर्ण परमात्मा ने 6 दिन में सृष्टि रची और सातवें दिन विश्राम किया। उसका नाम कबीर देव हैं। कबीर साहिब ही वह परमात्मा है जो हमें सब रोगों से मुक्त कर देने में सक्षम हैं और वास्तव में पूर्ण मोक्ष दाता है। वेदों में लिखा है कि कबीर देव ही अपना ज्ञान प्रचार करने के लिए अपने शरीर को हल्का तेज पुंज का करके इस पृथ्वी पर प्रकट होते हैं और दृढ़ भक्तों को मिलते हैं। उनको अपने ज्ञान से परिचित करवाते हैं। और गुप्त मंत्र का भी आविष्कार करते हैं। कबीर साहेब 600 साल पहले लहरतारा तालाब जो कि काशी में विद्यमान है वहां पर शिशु रूप बनाकर उस तालाब में खिले कमल के फूल पर प्रकट हुए थे उनके प्रत्यक्ष दृष्टा रामानंद जी के शिष्य अष्ट आनंद जी थे। कबीर साहिब जैसे जैसे बड़े हुए तो उन्होंने बहुत सी अनहोनियों यानी चमत्कार किए। साथ में अपने ज्ञान से परिचित करवा कर अच्छी आत्माओं के अंदर भक्ति प्रवेश की। Lordkabir 5 जून को 623 वा कबीर प्रक...

कबीर प्रकट दिवस

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सभी धर्मों के शास्त्रों में लिखा है कि कुल का मालिक एक है, लेकिन ना तो हमें स्कूल के मालिक के बारे में कुछ पता है और ना ही हमने शास्त्रों का कठोर अध्ययन किया और ना ही हमारे किसी धर्मगुरु ने हमें ठोस प्रमाण देकर यह सिद्ध किया कि यह परमात्मा है। तो आइए हम सृष्टि की रचना हार परमात्मा के बारे में जानते हैं। कबीर साहेब जी ही पूर्ण परमात्मा है जिन्होंने इस सृष्टि की रचना की सभी वेदो ग्रंथों में प्रमाण है की सृष्टि की रचना कबीर परमात्मा ने ही की थी और  बहुत से संतों को  मिले अपने गवाह तैयार करने के लिए उन्हें सतलोक लेकर गए । और उन्हें अपने ज्ञान से परिचित करवाया।                  कबीर परमात्मा का प्रकट होना कबीर परमात्मा हर युग में  अपनी लीला करने के लिए इस पृथ्वी लोक में शिशु रूप धारण करके प्रकट होते हैं उनका जन्म मां से नहीं होता और उनकी परवरिश कवारी गाय से होती है   वह अविनाशी परमात्मा है । 5 जून को कबीर साहिब का 623 वा कबीर प्रकट दिवस है। वर्तमान में शास्त्र अनुकूल भक्ति  कबीर साहेब का संपूर्ण ज्ञान संत ...

मानवता का उत्थान

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समय सत्ययुग से कलयुग  की तरफ बढ़ रहा है वैसे ही मानव के विचारों व संस्कारों में भी कमी आती नजर आ रही हैं। सतयुग में मानव प्राणी भगवान की भक्ति क्या करते थे, नेक विचार रखते, बुराइयों से दूर रहते,एक दूसरे इंसान की सहायता करने में हमेशा तत्पर रहते , चोरी करना विष के समान माना जाता था। लेकिन अब मानव की बुद्धि ही खराब हो गई और उनके विचारों में भी कमी होती जा रहा है। इंसान एक दूसरे की सहायता करना तो दूर उल्टा अपने से निम्न स्तर के इंसानों का शोषण करने में लगा रहता है। मानवता के संस्कारों में कमी नजर आ रही है। खान-पान से लेकर पहनावे तक देख लो इंसान का स्तर नीचे गिरता जा रहा है। बहन बेटियों को पूरे कपड़े पहनने की वजह बिल्कुल छोटे कपड़े पहनकर अपने आपको गर्व भरा महसूस करने लगते हैं।  मानव को परमात्मा का डर रहा नहीं और जीवो के प्रति दया रत्ती भर भी नहीं रही । हर प्रकार की बुराई करने में सबसे पहले आगे रहता है। अमीर लोग  गरीबों का  सताने में रहता है। आज वर्तमान समय में सरकार के इतने कठोर नियम व संविधान होने के बावजूद भी समाज में मानवता का नामोनिशान मिटता जा रहा...

खराब शिक्षा स्तर

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शिक्षा के कारण आज पूरा समाज    अभिमानी ,बेइमान , अनेक प्रकार की बुराईयों से ग्रस्ति हो गया है। . शिक्षा के कारण आज लोगों में सिर्फ धन कमाने की होड़ ने लालची और चोर, रिश्र्वतखोर बना दिया। शिक्षा के कारण पढे लिखे लोगो को काम करने में लज्जा आती है जिसके कारण समाज की हालत खराब होती ‌जा रही है। आजकल शिक्षा के कारण विधार्थी बगावती होते जा रहे हैं जिसके कारण वो शस्त्र उठा रहे हैं जिसके कारण समाज में हिंसा होती है। शिक्षा के कारण युवा घोर अवसाद के शिकार होते जा रहे हैं  वे अवसाद इतना बढ़ जाता है कि वो आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।  शिक्षा प्राप्त करने के बाद लोग अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए देश की सभ्यता को भूल जाते है। . शिक्षा प्राप्त कर के बच्चे माता-पिता की ‌इज्जत करना भूल जाते है अंहकारी हो जाते है। शिक्षा के कारण आज समाज में विकास कम और गिरावट ज्यादा हुई है। शिक्षा के कारण आज लोगों के अंदर संस्कार ही नहीं रहे बेशर्म होकर रह गया आज पूरा समाज । Ngo  संस्था द्वारा सुधार -समाज व सरकार के द्वारा शिक्षा स्त...

सच्चा भगवान कौन?

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मनुष्य जीवन अपने को पूर्ण परमात्मा की खोज करके उसकी सत भक्ति करके और मोक्ष प्राप्ति के लिए मिला है लेकिन वर्तमान समय में हमको पूर्ण संत ना मिलने के कारण मानव समाज मनुष्य जीवन ऐसे ही व्यर्थ जा रहा है।पूर्ण संत न मिलने के कारण हम शास्त्र अनुकूल भक्ति नहीं कर पाते। जिस कारण से हम शास्त्र विरुद्ध साधना करके अपना मानव जीवन व्यर्थ करके भगवान के दरबार में खाली हाथ चले जाते हैं। जब हम मा के गर्भ में रहते हैं तब हमें भक्ति की चेतना बनी रहती हैं। लेकिन जैसे ही मां के गर्भ से बाहर आते ही तीन गुणों के प्रभाव से इसी संसार संपत्ति में उलझ जाते हैं।और अगर हम भक्ति भी करते हैं तो वह भी नकली जो कि शास्त्रों में प्रमाण नहीं होता। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है। इसका प्रमाण हमारे धर्म के  ग्रंथ बताते हैं। वर्तमान में नकली धर्मगुरुओं के चक्कर में भोली जनता है गुमराह हो रही हैं। क्योंकि वे शास्त्र प्रमाणित ज्ञान नहीं बताते। उनके खुद को भी यह ज्ञान नहीं कि वास्तविक परमात्मा की भक्ति कैसी हैं।तत्वदर्शी संत ना मिलने के कारण हमें शास्त्रों का ज्ञान नहीं होता।वर्तमान में नकली धर्मगुरुओं के द...

नशा मुक्त भारत का निर्माण

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          नशा मुक्त भारत (संत रामपाल जी महाराज) नशा मानव शरीर का  नुकसान तो करता ही हैं परंतु यह भक्ति मार्ग में भी बाधा उत्पन्न करता है। भगवान का विधान है कि जो मदिरापान करते हैं उनका आने वाले अगले 70 जन्म में कुत्ते की योनि को प्राप्त करता है। हमें अपने शास्त्रों का ज्ञान ना होने के कारण हम अज्ञान में यह गलतियां कर देते हैं जैसे नशा करना और भी बुराई कर बैठते है ।लेकिन इसके कर्मो का फल हमें भोगना ही पड़ता है। संत रामपाल जी महाराज  सत भक्ति वह अपने ज्ञान के आधार से समस्त मानव जीवन पर उपकार कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज ज्ञान ही ऐसा बताते हैं जिससे नशा करना तो दूर नशे को छूने का भी मन नहीं करता। संत रामपाल जी महाराज अपने ज्ञान आधार से नशे तथा उन बुराइयों से होने वाले पाप कर्मों को हमें बताते हैं। कि यह दुराचार करने वालों को इतना पाप कर्मों का फल भोगना पड़ेगा इसलिए हम नशा नहीं कर सकते और ना ही नशे करने  में सहयोग भी देते है । अधिक जानकारी के लिए जरूर देखें संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन प्रतिदिन साधना टीवी शाम 7:30 से 8:30 तक।

Covid19

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                                  कोरोना वायरस बिमारी से बचाव   आज पूरा विश्व कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है इस लाइलाज बिमारी के सामने विज्ञान ने भी हाथ खड़े कर दिए है यह एक वैश्विक बीमारी है जिससे निजात पाना बहुत ही मुश्किल हो रहा। कॉरॉना जैसी भयानक बीमारी से निजात पाने के लिए पूरा विश्व अथक प्रयास कर रहा है। फिर भी अभी तक  इस बीमारी का इलाज नहीं ढूंढ  पाए है। हम इस लाइलाज अनसुनी बीमारियों से भी सिर्फ आशीर्वाद मात्र से ठीक हो सकते हैं यह सिर्फ परमात्मा की शक्तियों से ही संभव है और संत रामपाल जी महाराज इस धरती पर पूर्ण परमात्मा के स्वरूप में आए हुए हैं जो भारत ही नहीं पूरे विश्व को सभी समस्याओं से निजात दिला सकते हैं हमारे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भक्ति करने वाले भक्तों की परमात्मा असाध्य रोगों का भी नाश कर सकते हैं।और यह भी परमात्मा का विधान है कि अगर भक्त मृत्यु के निकट भी हो तो भी उसके रोगों का निवारण करके 100 वर्ष की आयु भी प्रदान कर देते हैं ।इतना वह परमात...