काशी में करोत
आज से 600 वर्ष पहले कबीर परमात्मा आए हुए थे तब काशी में कुछ पंडितों ने अपने स्वार्थ के लिए धन कमाने के लिए अंधविश्वास फैलाया उन्होंने अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए एक परंपरा चलाई। उन्होंने भोली जनता को गुमराह करना शुरू किया और कहा कि जो मगहर में मरेगा वह नरक में जाएगा इसलिए मगहर में कोई ना मरे। और जो काशी में मरेगा वह सीधा स्वर्ग जाएगा । सभी हिंदू लोग भोली जनता उनके बातों पर विश्वास करके उनकी बातों को सही मानने लगे क्योंकि उन्हें लगता था कि पंडित लोग वेदों के ज्ञाता है और यह जो भी ज्ञान बताते हैं वह वेदों को पढ़कर ही बताते हैं। उन्होंने लोगों में यह भ्रमणा फैला दी कि जो लोग काशी में मरेगा वह स्वर्ग को प्राप्त होगा। लेकिन कबीर परमात्मा जी कहते थे कि अच्छे कर्म करने वाला व्यक्ति और भगवान से डरकर रहने वाले व्यक्ति कहीं मर जाएं वह स्वर्ग को प्राप्त होते हैं और बुरे कर्म करने वाले कही मर जाओ वह नरक कोई प्राप्त होते हैं लेकिन कबीर परमात्मा की बात कोई नहीं मानता था। काशी में स्वर्ग प्राप्त होगा इस फैली हुई धारणा के कारण सभी बुड्ढे लोग अपने बच्चों से कहते हैं कि हमारी ...